यूपीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम | UPPSC Maths Optional Syllabus in Hindi
यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा में गणित को सबसे अधिक स्कोरिंग विषयों में से एक माना जाता है। इसके पीछे कारण यह है कि अंग्रेजी या इतिहास जैसे अन्य व्यक्तिपरक विषयों के विपरीत, गणित के स्कोर का एक निश्चित उत्तर होता है जिसे आपकी समझ और अवधारणाओं के अनुप्रयोग के आधार पर स्कोर किया जा सकता है।इसके अलावा, गणित में पूछे गए प्रश्न तर्क-आधारित होते हैं और सूत्रों और प्रमेयों के अलावा बहुत अधिक याद करने की आवश्यकता नहीं होती है। इसलिए, मजबूत गणितीय पृष्ठभूमि और शैक्षणिक रुझान वाले उम्मीदवारों के लिए इस विषय में महारत हासिल करना आसान है। हालाँकि, इसकी तैयारी से पहले इस पेपर की मार्किंग स्कीम को समझना महत्वपूर्ण है। सही और तार्किक दृष्टिकोण आपको अपने अंक अधिकतम करने में मदद कर सकता है।परीक्षा में उच्च अंक सुनिश्चित करने के लिए, कक्षा 11 और 12 की एनसीईआरटी पुस्तकों का पुनरीक्षण शुरू करना चाहिए। उसके बाद, पिछले वर्ष के पूर्ण-लंबाई वाले प्रश्नपत्रों को हल करने की सलाह दी जाती है। यह आपको परीक्षा में पूछे जाने वाले प्रश्नों के प्रकार से परिचित होने में मदद करेगा और आपके समय प्रबंधन कौशल में भी सुधार करेगा।एक और बात जो ध्यान में रखनी चाहिए वह है समस्याओं को हल करते समय चरण-दर-चरण विधि का अभ्यास करना। इससे न केवल आपको समस्याओं को शीघ्रता से हल करने में मदद मिलेगी बल्कि आप उन मूर्खतापूर्ण गलतियों से भी बचेंगे जिनके कारण आपको परीक्षा में अंक गंवाने पड़ सकते हैं। इसके अतिरिक्त, आईएएस गणित वैकल्पिक के लिए कुछ सर्वोत्तम पुस्तकों को पढ़ना एक अच्छा विचार है क्योंकि वे आपको पाठ्यक्रम और परीक्षा पैटर्न का विस्तृत विश्लेषण प्रदान करेंगे।अंत में, उम्मीदवारों को इस विषय की तैयारी करते समय किसी भी विकर्षण से बचने का प्रयास करना चाहिए। उन्हें संगीत नहीं सुनना चाहिए या फिल्में नहीं देखनी चाहिए क्योंकि इससे उनकी एकाग्रता के स्तर में बाधा आएगी। इसके अलावा, उन्हें उन विषयों को लिखकर अपनी प्रगति पर नज़र रखनी चाहिए जिन पर अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है।यूपीएससी परीक्षा के लिए सही वैकल्पिक विषय चुनना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह आपकी संपूर्ण सिविल सेवा यात्रा का भाग्य तय करेगा। इसलिए, ऐसे विषय का चयन करना आवश्यक है जो आपकी रुचि और शैक्षणिक प्रोफ़ाइल के अनुकूल हो। आईएएस उम्मीदवारों के लिए सबसे अच्छा विकल्प गणित विषय चुनना है। यह एक स्कोरिंग विषय है और प्रतिस्पर्धा कम है, जिसका मतलब है कि आप इस विषय में आसानी से शीर्ष स्कोर प्राप्त कर सकते हैं। विषय का स्थिर पाठ्यक्रम आवेदकों के लिए सामग्री को संशोधित करना और बनाए रखना भी आसान बनाता है। इसके अलावा, चूंकि यह विषय करंट अफेयर्स से असंबंधित है, इसलिए उम्मीदवार बहुत तेज गति से तैयारी कर सकते हैं।UPPSC Maths Optional Syllabus in Hindi Paper-1 | यूपीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम पेपर-1
प्रश्न पत्र-I |
1- रैखिक बीजगणित एवं आव्यूह- सदिश समष्टियाँ, उप समष्टियाँ, आधार एवं विमा, विभाग समष्टि, निर्देशांक। रैखिक रूपान्तरण, रैखिक रूपान्तरण की जाति एवं शून्यता, रैखिक रूपान्तरण का आव्यूह निरूपण। रैखिक फलनक, द्वैत समष्टि, रैखिक रूपान्तरण का परिवर्त, अभिलाक्षणिक मान, शून्यकारी बहुपद, कैले-हैमिल्टन प्रमेय। आंतर गुणन समष्टि, काशी-शवार्ज असमिका, लांबिक सदिश, लांबिक पूरक, प्रसामान्य लांबिक समुच्चय एवं आधार, परिमित विमीय समष्टि के लिये ग्राम-शिष्ट लांबिकीकरण प्रक्रम। आव्यूह की जाति, सोपानक रूप, तुल्यता, संर्वागसमता तथा उपरूपता, विहित रूपों में समानयन, लांबिक, सममित, विषम सममित हर्मिटी एवं विषम हर्मिटी आव्यूह, उनके अभिलाक्षणिक मान, द्विघाती तथा हर्मिटी रूपों के लांबिक तथा एकिक समानयन, धनात्मक निश्चित द्विघाती रूप, सहकालिक समानयन। |
2- कलन- सीमाएं, सान्तत्य, अवकलनीयता, माध्यमान प्रमेय, टेलर प्रमेय, अनिधार्य रूप, उच्चिष्ट एवं निम्निष्ठ, स्पर्शी एवं अभिलम्ब, अनन्तस्पर्शी, वक्रता, अन्वालोप एवं केन्द्रज, आंशिक अवकलन, वक्र अनुरेखण, बहुचरों के फलनों की सांन्तत्यता एवं अवकलनीयता, आंशिक अवकलज के क्रम की आंतरिक परिवर्तनशीलता, अंतनिर्हित फलन प्रमेय, जैकोबियन, द्विक एवं त्रिक समाकल (केवल प्राविधियाँ), वीटा एवं गामा फलनों का अनुप्रयोग, क्षेत्रफल, वक्रपृष्ठ एवं आयतन, गुरूत्व केन्द्र। |
3- दो एवं तीन विमाओं की वैश्लेशिक ज्यामिति- द्विघात का व्यापक समीकरण, शांकव निकाय, संनाभि शांकव का धु्रवीय समीकरण तथा उसके गुण। त्रिविमीय निर्देशांक, समतल, सरल रेखा, गोला शंकु, और बेलन। केन्द्रीय शांकवज, परवलयज, शांकवज का समतलीय काट, जनक रेखाएँ, संनाभि शांकवज। |
4- साधारण अवकल समीकरण- अवकल समीकरण की कोटि तथा घात, प्रथम कोटि तथा प्रथम घात की रैखिक एवं यथावत अवकल समीकरण, प्रथम कोटि के समीकरण जो प्रथम घात के न हों, विचित्र हल, लम्बकोणीय संक्षेदी। अचर गुणांको वाले उच्च कोटि के रैखिक समीकरण, पूरक फलन तथा विशेष समाकल। चर गुणांको वाले द्विकोटि के रैखिक अवकल समीकरण: एक ज्ञात हल से दूसरा ज्ञात करना, प्रसामान्य रूप, अनिर्धारित गुणांक विधि, प्राचल विचरण विधि। |
5- सदिश एवं प्रदिश विश्लेषण- सदिश बीजगणित, अदिश चर के सदिष फलनों के अवकलन एवं समाकलन, ग्रेडियंट, डाइवर्जेन्स एवं कर्ल के कार्तीय, बेलनी एवं गोलीय निर्देशाकों में निरूपण तथा उनके भौतिक निर्वचन, उच्चतर कोटि के अवकलज, सदिश समिकाएं एवं सदिश समीकरण, गाऊस तथा स्टोक्स प्रमेय। समष्टि वक्र, वक्रता तथा ऐठन, सेरेट-फेनेट सूत्र। |
6-स्थैतिकी एवं गतिकी- कल्पित कार्य, सन्तुलन का स्थायीत्व, कैटनरी, एक समान सामथ्र्य की कैटनरी, तीन विमा में बलों का संतुलन। सरल रेखीय गति, सरल आवर्त गति, त्रिज्य एवं अनुप्रस्थ दिशाओं तथा स्पर्शीय एवं अभिलम्ब दिशाओं में वेग एवं त्वरण, प्रतिरोधी माध्यम में गति, व्यवरूद्ध गति, आवेगी बलों के अधीन गति केपलर के नियम, केन्द्रीय बलों के अधीन कक्षायें, परिवर्ती द्रव्यमान की गति। |
UPPSC Maths Optional Syllabus in Hindi Paper-2 | यूपीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम पेपर-2
प्रश्न पत्र-II |
1- बीजगणितः समूह, चक्रीय समूह, उपसमूह, उपसमूह का सहसमुच्चय, लाग्रांज प्रमेय, प्रसामान्य उपसमूह, समूहों की समाकारिता, खण्ड समूह, आधारी तुल्यकारिता प्रमेय, क्रमचय समूह, केली प्रमेय। वलय, उपवलय, गुणजावली, पूर्णांकीय प्रांत, पूर्णांकीय प्रांत का विभाजन क्षेत्र, यूक्लिडीय प्रांत, मुख्य गुणजावली प्रांत, क्षेत्र पर बहुपदीय वलय, अद्वितीय गुणनखंडन प्रांत। |
2- वास्तविक विश्लेषणः दूरीक समष्टि एवं अनुक्रमों के विशेष संदर्भ में उनकी सांस्थितिकी, अभिसारी अनुक्रम, कौशी अनुक्रम, अभिसरण के लिये कौशी निकश, अनन्त श्रेणी एवं उनका अभिसरण, nवां पद परीक्षण, धनात्मक पदों की श्रेणी, अनुपात एवं मूल परीक्षण, सीमा तुलनात्मक परीक्षण, लघुगणकीय अनुपात परीक्षण, संघनन परीक्षण, सामान्य अनुक्रम R में निरपेक्ष एवं संप्रतिबंधी परीक्षण, आबेल एवं डिरिख्ले प्रमेय, किसी अन्तराल पर फलनों के अनुक्रम एवं श्रेणी का एक समान अभिसरण, वियरस्ट्रास M- परीक्षण, आबेल एवं डिरिख्ले परीक्षण, सीमा-फलन के लिये सांतत्य, पदषः समाकलनीयता एवं अवकलनीयता, परिबद्ध फलनों के लिये समाकलन का रीमान सिद्धान्त, सतत फलन की समाकलनीयता, कलन की मौलिक प्रमेय, अनुचित समाकलन एवं उनके अस्तित्व के लिये दशायें, म्यू परीक्षण। |
3- सम्मिश्र विश्लेषणः वैश्लेषिक फलन, कौशी-रीमान समीकरण, कौशी प्रमेय, कौशी का समाकलन सूत्र, वैश्लेषिक फलन का घात श्रेणी निरूपण, टेलर श्रेणी, लाॅरेन्ट श्रेणी, विचित्रताओं का वर्गीकरण, कौशी अवशेष प्रमेय, कन्टूर समाकलन। |
4- आंशिक अवकलन समीकरणः आंशिक अवकल समीकरणों को बनाना, प्रथम कोटि के आंशिक अवकल समीकरण, प्रथम कोटि के रैखिक कल्प आंशिक अवकल समीकरणों के हल, प्रथम कोटि के अरैखिक आंशिक अवकल समीकरण के लिये शार्पिट विधि, अचर गुणांकों वाले द्वितीय कोटि के रैखिक आंशिक अवकल समीकरण तथा उनके विहित रूप, कंपित तंतु का समीकरण, ताप समीकरण, लाप्लास समीकरण एवं उनके हल। |
5- यांत्रिकीः व्यापीकृत निर्देशांक, व्यापीकृत गति, होलोनोमी और गैर-होलोनोमी निकाय, संरक्षी क्षेत्र में होलोनामी निकाय के लिये डीऐलबर्ट सिद्वान्त एवं लाग्रांज समीकरण, व्यापीकृत आवेग, हैमिल्टन समीकरण, जड़त्व एवं गुणन आघूर्ण, मुख्य अक्ष, दिक् कोज्या (I,m,n) वाली रेखा के परितः जड़त्व आघूर्ण, आवेगीय दीर्घवृत्तज, दृढ़ पिंडों की द्विविमीय गति। |
6- तरल गतिकीः सांतत्य समीकरण, गति विभव, धारा गति, पथ रेखा, संवेग एवं उर्जा। अष्यान प्रवाहः आयलर और बरनौली का गति समीकरण, द्विविमीय द्रवीय गति, सम्मिश्र विभव, संवेग एवं उर्जा, उद्गम एवं अभिगम, द्विक एवं उनके प्रतिबिम्ब (रेखा एवं वृत्त के सापेक्ष)। |
7- संख्यात्मक विश्लेषण: एक चर के बीजगणितीय तथा अबीजीय समीकरणों का द्विविभाजन, रेगुला-फाल्सि तथा न्यूटन-राफसन विधियों द्वारा हल तथा उनके अभिसरण, अंतर्वेशन (न्यूटन और लाग्रांज) एवं त्रुटि पदों सहित संख्यात्मक अवकलन सूत्र। संख्यात्मक समाकलनः समलंबी नियम, सिंपसन नियम साधारण अवकल समीकरणों का संख्यात्मक हलः आयलर विधि, रूंगे-कुट्टा विधि। |