BPSC maths optional syllabus in Hindi, बीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम

BPSC maths optional syllabus in Hindi: (बीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम  हिंदी में ):

बिहार राज्य पीसीएस देश में सबसे अधिक मान्यता प्राप्त सिविल सेवा परीक्षाओं में से एक आयोजित करता है, जहां उम्मीदवार विभिन्न पीसीएस स्तर के पदों जैसे उप मंडल अधिकारी, जिला सनापार्क अधिकारी आदि के लिए प्रतिस्पर्धा करते हैं। परीक्षा की तैयारी के लिए, आपको परीक्षा पाठ्यक्रम की पूरी समझ होनी चाहिए इसे तोड़ने के लिए. प्रारंभिक और मुख्य परीक्षा के लिए बीपीएससी पाठ्यक्रम काफी भिन्न होता है, लेकिन प्रत्येक के लिए समग्र रणनीति समान होती है। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आपको अपने प्रतिस्पर्धियों से बेहतर प्रदर्शन करने के लिए प्रत्येक विषय में शामिल अवधारणाओं की बिल्कुल स्पष्ट वैचारिक समझ होनी चाहिए। इसे प्राप्त करने के लिए, आपको पिछले वर्ष के पूर्ण-लंबाई वाले प्रश्नपत्रों और मॉक टेस्टों के पुनरीक्षण और अभ्यास के लिए निश्चित समय आवंटित करना होगा। इसके अतिरिक्त, आपको अपने उत्तर-लेखन में भी व्यवस्थित होना चाहिए। यह टॉपर्स की उत्तरपुस्तिकाओं पर नज़र डालकर या मेंटर्स से अपनी उत्तरपुस्तिकाओं का मूल्यांकन करवाकर किया जा सकता है।इसके अलावा, आप जो सीखते हैं उसके बारे में आपको लगातार प्रश्न पूछते रहना चाहिए: यह उससे कैसे जुड़ा है? इसका वर्तमान मामलों से क्या संबंध है? आप विषय के बारे में जितना अधिक उत्सुक होंगे, सब कुछ एक साथ जोड़ना और विषयों को समझना उतना ही आसान होगा। अपनी सामान्य जागरूकता में सुधार के लिए समसामयिक मामलों पर पढ़ना और समाचारों पर नज़र रखना भी महत्वपूर्ण है। यह द हिंदू या द इंडियन एक्सप्रेस जैसे समाचार पत्र पढ़कर और साप्ताहिक या मासिक समाचार चैनल देखकर भी किया जा सकता है।बीपीएससी प्रारंभिक परीक्षा में, एक एकल पेपर होगा जो उम्मीदवार के भारतीय राजनीति, अर्थव्यवस्था, देश के इतिहास और बिहार राज्य के ज्ञान का परीक्षण करेगा। परीक्षा में प्रश्न वस्तुनिष्ठ प्रकृति के होंगे और इसमें स्थैतिक और समसामयिक दोनों मामले शामिल होंगे। मुख्य परीक्षा के लिए पात्र होने के लिए इस पेपर में न्यूनतम 30% अंक प्राप्त करना महत्वपूर्ण है।बीपीएससी मुख्य परीक्षा में दो सामान्य अध्ययन पेपर और एक वैकल्पिक पेपर शामिल होगा जिसे आपने अपने आवेदन पत्र में चुना था। इस परीक्षा में आप जो अंक अर्जित करेंगे वह अंतिम मेरिट सूची में दिखाई देंगे। इस प्रक्रिया को सुचारू और परेशानी मुक्त बनाने के लिए, आपको बीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम को जानना चाहिए ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि आप परीक्षा के लिए पर्याप्त तैयारी कर रहे हैं।बीपीएससी मेन्स में उपस्थित होने के लिए 34 वैकल्पिक विषय हैं जिन्हें आप चुन सकते हैं। आपको वह विषय चुनना चाहिए जिसमें आप सहज हों और जिसमें आपकी शैक्षणिक पृष्ठभूमि हो। यदि आप सर्वोत्तम विकल्प के बारे में अनिश्चित हैं, तो आपको अधिक जानकारी के लिए बीपीएससी आधिकारिक सूचना देखनी चाहिए। इसके अलावा, आपको यह सुनिश्चित करना चाहिए कि आप बीपीएससी मुख्य परीक्षा पैटर्न से परिचित हैं क्योंकि इसमें 68वीं सीसीई में कुछ बदलाव हुए हैं। अंकन प्रणाली, अध्ययन का पाठ्यक्रम और प्रश्न प्रारूप सभी में बदलाव किया गया है

BPSC maths optional syllabus in Hindi Paper-1, बीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम हिंदी में पेपर-1

खंड-I

खंड I और खंड II में से किसी एक खंड से तीन से अधिक प्रश्नों का उत्तर नहीं देना है।

1.रैखिक बीजगणित  

सदिश समाष्टि, आधार, परिमितजनित समष्टि की विभा, रैखिक, रूपान्तरण, रैखिक स्थानान्तरण की जाति एवं शुल्यता, कैली हेमिल्टन प्रमेव, अभिलक्षणिक मान तथा अभिलक्षणिक सदिश।

रैखिक रूपानतरण का आव्यरूह प्रंक्ति तथा स्तम्भ संयंत्रण, सोपानक रूप। तुल्यता, सर्वोगसमता तथा उपरूपता, विहित रूपों में समानयन।

लाम्बिक, सममित, विषय-सममित, ऐकिक, हर्मिटी तथा विषम हर्मिटी आब्यूह, उनका अभिलषणक मान, द्विपाती तथा हर्मिटी रूपाकें, लम्बिक तथा ऐक्रिक समानयन। धनात्मक निश्चित द्विपाती रूप, सहकालिक समानयन। 

2.कैलकुलस

वास्तविक संख्याएँ, सीमाएँ, सातत्य, अवक्लनीयता, माध्यमान, प्रमेय, टेलर प्रमेय, अनिवार्य रूप, उच्चिष्ठ तथा अल्पिष्ट वक्रता अनुरेखण, अनन्तस्पर्शी। बहुचर फलन, आंशिक अवक्लज, उच्चिष्ठ तथा अल्पिष्ट, जकावीय। निश्चित तथा अनिश्चित समाकल। द्विशः तथा त्रिशः समाकल (केवल प्रतिविधियाँ) बीटा तथा गामा फलनों में अनुप्रयोग। क्षेत्रफल आयतन गुरुत्व केन्द्र।

3.दो और तीन विभाओं की वैश्लेषिक ज्यामिति

कात्र्तीय तथा ध्रुवीय निदेशांकों में दो विभाओं में पहली और दूसरी डिग्री के समीकरण। एक और दो परतों के समतल, गोलक पर बलयज, दीर्घवृत्तज पर अतिपंचलेयन तथा उनके प्रारम्भिक गुणधर्म। समष्टि में वक्रता, वक्रता तथा मरोड़। फ्रेनेट के सूत्र।

 4.अवकल समीकरणः- अवकल समीकरण की कोटि तथा घात प्रथम कोटि तथा प्रथम घात का समीकरण, पृथक्करणीय चर समधात, रैखिक तथा यथावत् अवक्ल समीकरण। अचर गुणांकों सहित अवक्ल समीकरण।

eax, cosax , sinax,xm, eax , cosbx, eax, sinbx  [i.e., e power ax, cos(ax) , sin (ax), x power m into e power ax , e power ax into cos(bx), e power ax into sin(bx) ] के पूरक फलन तथा विशेष समाकल।

सांदिश प्रदिश, स्थैतिकी गतिकी तथा द्रवस्थैतिकी।

  1. संदिश विश्लेषण- संदिश बीजगणित, आदिशचर के संदिश फलन का अवक्ललु, प्रवणता, डाईवर्जेन्स, कार्तीय, बेलनी और गोलीय निदेशांकों में डाइवर्जेन्स तथा क्ले उनके भौतिक निर्वचन। उच्चतर कोटि अवक्लज। सदिश तत्समक तथा संदीशकरण, गाउस तथा स्टोक्स प्रमेय।
  2. प्रदिश विश्लेषण- प्रदिश की परिभाषा, निदेशांकों का रूपांतरण, प्रतिपरिवर्ती और सहपरिवर्ती प्रदिश। प्रदिशों का योग और गुणन प्रदिशों का सकुचन, आन्तर गुणनफल, मूल प्रदिश, क्रिस्टोफल प्रतीक, सहपरिवर्ती अवक्लन, प्रदिश संकेतन मे प्रवणता, कल तथा डाइवर्जेन्स।
  3. स्थैतिकी- कण निकाय का संतुलन, कार्य और विभव उर्जा, घर्षण, कामन काॅटनरी, कल्पित कार्य के सिद्धांत। संतुलन का स्थायित्व, तीन विभागों में बल का साम्य।
  4. गतिकी- स्वतंत्रता और अवरोधों की कोटि, सरल रेखीय गति, सरल आवर्त गति। समतल पर गति, प्रक्षेमी, व्यवस्था गति कार्य तथा उर्जा। आवेगी बलों के अधीन गति। केपलर नियम, केन्द्रीय बलों के अधीन कक्षाएँ। परिवत्ती द्रव्यमान की गति। प्रतिरोध के होते हुए गति।
  5. द्रव स्थैतिकी- गुरु तरलों की दाब। बलों के निर्धारित निकायों के अन्तर्गत तरलों का संतुलन। दाब केन्द्र। बक सतहों पर प्रणोद। प्लवमान पिंडों की संतुलन, संतुलन स्थायित्व और गैसों को दाव वायुमंडल सम्बन्धी समस्याएँ।

BPSC maths optional syllabus in Hindi Paper-2, बीपीएससी गणित वैकल्पिक पाठ्यक्रम हिंदी में पेपर-2

खंड-II

भाग ‘‘क’’ 

बीजगणित, वास्तविक विश्लेषण, समित्र विश्लेषण, आंशिक अवक्ल समीकरण।

भाग “ख” 

यांत्रिकी द्रवगतिकी, संख्यात्मक विश्लेषण प्राधिक्ता सहित सांख्यिकी, सक्रिय विज्ञान।

1.बीजगणित 

समूह, उप समूह, सामान्य उप-समूह, उप समूहों की समाकारिता विभाग, समूह। आधोरी तुल्याकारिता प्रमेयु, सिलों प्रमेय, क्रमचय समूह, कैली प्रमेय, वलय तथा गुणावली, मुख्य गुणावली प्रांत, अद्वितीय गुणन खंड प्रांत तथा यूक्लिडीय प्रान्त, क्षेत्र विस्तार, परिमित क्षेत्र। वास्तविक विश्लेषण।

2.दूरीक समष्टिः दूरीक समष्टि में अनुक्रम के विशेष सन्दर्भ सहित उनकी सांख्यिकी कोशी अनुग्रम, पूर्णता, पूत्र्ति, सतत फलन, एक समान मानत्य, संहत समुच्चयों पर सतत फलनों के गुण-धर्म। रीमान स्टोल्जे समाकल, अंततसमाकल तथा उनके अस्तित्व प्रतिबंध बहुचर पलनों के अवक्लन, अस्पष्ट पलन प्रमेय, उच्चिष्ठ तथा अलिपष्ठ, वास्तविक तथा संम्श्रि पदों की श्रेणियों का निरपेक्ष और सप्रतिबंधी अधिसरआ, श्रेणियों की पूर्ण व्यवस्था, एक समान अभिसरण, अनंत गुणनफल, सातत्व श्रेणियों के लिए अवक्लनीगता और समाकलनीयता बहुसमाकल।

3.सम्मिणं विश्लेषण- वशैलेणिक फलन, कोणों, प्रमेय, क्लाउची काॅवी समाकल सूत्रधाय श्रेणियाँ, टेलर श्रेणियाँ विचित्रताएँ, कोणों अवशेष प्रमेय, परिरेखा समाकलन।

 4.आंशिक अवक्ल समीकरणः

  1. आंशिक अवक्ल समीकरणों का विरचन, प्रथम कोटि के आंशिक अवक्ल समीकरणों, समाक्लों के प्रकार शांपिर्ट विधियाँ, अचर गुणांकों सहित आंशिक अवक्ल समीकरण।

 5.यांत्रिकी

  1. व्यापीकृत निर्देशांक, व्यवरोध, होलोनोमी और गैर होलोनोमी निकाय, डि एलम्वर्ट सिद्धांत तथा लग्रान्ज समीकरण, जड़त्व आपूर्ण, दो विभागों में दृढ़ पिंडों की गति। द्रवगतिकी।
  2. सातत्य समीकरण, संवेग और उर्जा।
  3. अश्यान प्रवाह सिद्धांत
  4. द्विविभीय गति, अभिश्रवण गति स्तोत्र और अभिगम।

 6.संख्यात्मक विश्लेषण

  1. अबींजीप तथा बहुपद समीकरण- सारणीयन विधि, द्विभाजन मिथ्या। स्थिति विधि, छेदक तथा न्यूटन- राफसन और इसके अभिसरण की कोटि।
  2. अन्तर्वेशन तथा संख्यात्मक अवक्लन- सामान या असमान सोपान आमाप सहित बहुपद अन्तवेंशन। स्पलाइन अंतर्वेशन क्यूविक स्पलाइन। त्रुटि पदों सहित संख्यात्मक अवक्लन सत्र।
  3. संख्यात्मक समापलनः- सम अंतराली कोणाकों सहित सच्चिकट क्षेत्रफल सूत्र काउसी क्षेत्रफल अभिसरण। साधारण अवक्ल समीकरण- आथलर विधि, बहुसोपान प्रावक्ता संशोधक, विधियाँ ऐडम और मिल्ले की विधि, भिंकरण और स्थायित्व, रूंगे-कुट्टा विधियाँ।

 7.प्रायिक्ता और सांख्यिकी

  1. सांख्यिकी विधियाँ- सांख्यिकी समष्टि और यावुच्छिक प्रतिदर्श के प्रस्यय। तथ्यों का संग्रह और प्रस्तुतीकरण। अवस्थान और परिक्षेपण। माप। आपर्ण और शेपर्ड संसाधन (पंचवो) विषमता और ककुदता माप। न्यूनतम वर्गों द्वारा वक्र आसंजन, समाश्रवण, सह संबंध और सह संबंध (अनुपात) कोटि सह संबंध आंशिक सह-संबंध गुणांक और बहु सह-संबंध गुणांक।
  2. प्रायिक्ता- असंगतत प्रतिदर्श समष्टि, अनुवृत्त उनका सम्मिलित और सर्वनिष्ठ आदि। प्राथिक्ता- सिरस्मरा सापेक्ष वारम्बारता और अभिगृहीती दृष्टिकोण, सांसत्यक मंे प्रायिक्ता, प्रायिक्ता समष्टि, सप्रतिबंध, प्रायिक्त और स्वतंत्रय प्रायिक्ता के बुनियादी नियम अनुवृत संयोजन, की प्राथमिकता बाये सिद्धंात वाद्धच्छिक, चर प्राविक्साफलन प्रायिक्ता धनत्व फलन, बंदन पलन गणितीय प्रत्याशी, उपान्त और सप्रतिबंध प्रत्याशा।
  3. प्रायिक्ता छंटन- दिपद प्यासों, प्रसामान्य गामा बीटा, काॅशी बहुपदीप हाईपर ज्योमैट्रिक, ऋणात्मक द्विपद, वृहत् संख्याओं का शेबिशे लेमा नियम, नियम स्वतंत्र तथा उपसष्टियों के लिये परिसीमाप्रमेय, मानक त्रुटियाँ, टी॰एफ॰ तथा काई-वर्ग के प्रतिदर्शों बटन तथा सार्थकता परीक्षणों में उनका उपयोग। माध्यम और समानुपात हेतु वृहत् प्रतिदर्श परीक्षण।

 8.सक्रिया विद्वान

  1. गणितीय प्रोग्रमनः- अवमुख समुच्चयी की परिभाषा और कुछ प्राथमिक गुणधर्म प्रसमुचम विस्थियाँ, अपढ़ष्टता, द्वैत तथा सुग्र्रहिता विश्लेषण, आयतीय खेल और उनके हल, परिवहन और नियम समस्या, अरैविक प्रोग्रामन के लिए कुहा टकर प्रतिबंध। बेलमैन का हर्णनमत्व नियम और गत्यामक प्रोग्राम के कुछ प्राथमिक अनुप्रयोग।
  2. पंक्ति सिद्वांत- प्यासो आगामी तथा चरतांकी सेवाई काल के साथ पंक्ति प्रणाली की स्थायी अवस्था एवं जपिक हल का विश्लेषण।
  3. निर्धारणात्मक प्रतिस्थापन निदर्श, दो मशीनों कार्यों, 3 महीनों कार्यों (विशेष प्रकरण) तथा मशीनों दो कार्यों सहित अनुक्रमण समस्याएँ।
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